
Draupadi Murmu biography, Age, Family, Husband
आज हम इस आर्टिकल मैं हमारे देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जीवन परिचय, उनकी शिक्षा, उनका जन्म स्थान, उनका राजनीतिक कैरियर और राष्ट्रपति बनने तक के सफर को हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानने वाले हैं। जैसे कि हम लोगों को पता है द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर की एक आदिवासी नेता है। इन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से उड़ीसा के राजनीतिक में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। अपनी इसी कड़ी मेहनत के के कारण 2022 में उनको राष्ट्रपति का पद दिया गया।
वर्तमान समय में हमारे देश भारत का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू है। बीजेपी के समर्थन और उनके सहयोगी पार्टी के समर्थन से भारत की 15 वी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बनी है। द्रौपदी मुर्मू भारत की दूसरी और पहेली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी। इस खुशी में है हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनके घर उड़ीसा जाकर इनको इनकी जीत की बधाई दिए। साथी इनके कैबिनेट के सारे मंत्री भी इनकी जीत की बधाई दी।

नाम (Name) | द्रौपदी मुर्मू |
जन्म (Birthday) | 20 जून, 1958, उपरबेड़ा (बैदापोसी), मयूरभंज, ओडिशा, भारत |
पिता (Father) | बिरांची नारायण टुडू |
पति (Husband) | श्याम चरण मुर्मू (2014 में निधन) |
बच्चे (Children’s) | तीन (2 बेटे, 1 बेटी) |
बेटी (Daughter) | इतिश्री मुर्मू |
स्कूल (School) | के.बी. एचएस उपरबेड़ा स्कूल, मयूरभंज |
कॉलेज (College) | रमा देवी महिला विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर (ओडिशा) |
शैक्षणिक योग्यता (Education Qualification) | बीए |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
जाति (Caste) | सांथाल जनजाति (अनुसूचित) |
नागरिकता (Nationality) | भारतीय |
राजनीतिक पार्टी (Political Party) | भारतीय जनता पार्टी (1997 में जुड़ी) |
प्रसिद्धि (Famous) | भारत की राष्ट्रपति |
पूर्व कार्यालय (former office) | राष्ट्रपति बनने से पहले झारखंड के राज्यपाल, मत्स्य और पशु राज्य मंत्री, वाणिज्य और परिवहन राज्य मंत्री, ओडिशा विधान सभा के सदस्य। |
पुरस्कार (Award) | नीलकंठ पुरस्कार |
आयु (Age) | 65 साल (2023में) |
द्रौपदी मुर्मू की जन्म और शिक्षा |
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को उड़ीसा के मयूरभंज जिले में बैदापोसी नाम के छोटे से साधारण गांव में सांथाली हिंदू परिवार में हुआ था। इनके दादा-दादी के बारे में बात करें तो इनके दादा दादी अपने गांव के सालों तक प्रधान रहे हैं। इन्होंने अपने व्यवसायिक जीवन की शुरुआत स्कूल के अध्यापिका रूप में की थी। इनकी शादी श्याम चरण मुर्मू नामक व्यक्ति से हुआ था। इन्होंने दो बेटे और एक बेटी का जन्म दिए। लेकिन किसी कारण व उनके दोनों बेटों की मृत्यु हो गई और एक बेटी जो थी उसकी शादी हो चुकी है जो अभी उड़ीसा में ही रहती है इन्होंने अध्यापिका के रूप में कार्य कर कर समाज में काफी प्रचलित हो गई।
द्रौपदी मुर्मू के शिक्षा बारे में अगर बात करें तो की प्रारंभिक शिक्षा अपने ही गांव के विद्यालय से हुआ था। इन्होंने यहां से शिक्षा प्राप्त करने के बाद भुवनेश्वर चली गई और वहां पर देवी महिला कॉलेज से अपना स्नातक की पढ़ाई पुरी की। इसके बाद वह पहली बार नौकरी के रूप में बिजली विभाग में उन्हें जूनियर असिस्टेंट के पद पर भर्ती हुई।
बिजली विभाग में जूनियर असिस्टेंट का कार्यकाल 1979 से 1983 तक रहा इसके बाद वह घर से ही किसी विषय के बारे में कोर्स कर रही थी कोर्स पूरी करने के बाद 1994 में रायरंगपुर में स्थित अरविंदो इट्रीकॉल एजुकेशन संस्थान में शिक्षक के रूप में उन्होंने काम किया था।
द्रौपदी मुर्मू का परिवार।
द्रौपदी मुर्मू के पिताजी का नाम बिरंजी नारायण टूडू है जो उड़ीसा के मयूरभंज जिले में एक साधारण व्यापारी थे इनके परिवार मयूरभंज जिले के बैदापोसी नाम के गांव रहता था। इनकी विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुई जो इनके बचपन के साथी थे। इनके 3 बच्चे भी थे इनका एक बहुत ही हंसता खेलता खुशहाल परिवार था। 2014 में दुर्भाग्यवश इनके दो बेटों और उनके पति की मृत्यु अलग-अलग समय पर हो जाती है और एक बेटी थी उसकी शादी उड़ीसा में ही हुई है इसलिए इनके परिवार के बारे में बात करें तो इनके बेटी के अलावा और कोई भी नहीं है।
द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक करियर
1997 को द्रौपदी मुर्मू भारतीय जनता पार्टी में अपनी सदस्यता ली और पहली बार अपने रायरंगपुर का नगर पंचायत के पार्षद चुनी गई। इसके बाद 2000 में अपने क्षेत्र रायरंगपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष बन गई। इसके साथ वह भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी थी। उड़ीसा में जब भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल गठबंधन का सरकार बना तो उस समय द्रौपदी मुर्मू इन पदों पर थी।
संभाले गए पद | कार्यकाल |
वाणिज्य एवं परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार | 6 मार्च 2000 से 6 अगस्त 2000 तक |
मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री | 2002 से 2004 तक |
ओडिशा के पूर्व मंत्री | 2000 |
रायरंगपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक | 2004 |
द्रौपदी मुर्मू: झारखंड के राज्यपाल
2015 में द्रौपदी मुर्मू झारखंड के राज्यपाल पद की शपथ ली। वह झारखंड के पहली महिला राज्यपाल बनी। भारतीय जनता पार्टी के द्वारा झारखंड में पहेली आदिवासी महिला नेता थी जिनको झारखंड राज्य की राज्यपाल नियुक्त किया गया।
2017 में झारखंड के राज्यपाल के रूप में इन्होंने छोटानागपुर किरायेदारी अधिनियम, 1908 और संथाल परगना किरायेदारी अधिनियम, 1949 में संशोधन की मांग करने वाले झारखंड विधानसभा द्वारा अनुमोदित एक विधेयक को मंजूरी देने से मना कर दिया। आदिवासियों को विधेयक में अपनी भूमि व्यवसायिक उपयोग करने का अधिकार देने की बात कहीं गई है।

द्रौपदी मुर्मू: एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार 2022
द्रौपदी मुर्मू को जून 2022 को राष्ट्रपति चुनाव के लिए इनको उम्मीदवार नामांकन किया गया। उन्होंने 2022 में विभिन्न राज्यों में घूम कर वहां के दलों से समर्थन मांगा। द्रौपदी मुर्मू पूर्वोत्तर राज्यों में जाकर समर्थन पाने के लिए ओडिशा की बीजेडी, महाराष्ट्र के शिवसेना ,उत्तर प्रदेश के बीएसपी ,कर्नाटक के जेडीएस ,झारखंड की जेएमएम पार्टी, इसके अलावा कई अन्य विपक्षी दल इनका समर्थन दिया।
द्रौपदी मुर्मू ने भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली
25 जुलाई 2022 को द्रौपदी मुर्मू भारत के 15वें राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ली। इनको भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना संसद के सेंट्रल हॉल में शपथ दिलाई। उन्होंने इस शपथ में यह कहा कि मैं राष्ट्रपति के पद पर पहुंची यह मेरी उपलब्धियां नहीं है बल्कि भारत के प्रत्येक व्यक्ति का उपलब्धि है। मेरा इस निर्वाचन में विजय घोषित होना यह दर्शाता है कि भारत में एक गरीब भी बड़े सपने देख सकता हैं। उनका सपना पूरा भी हो सकता है।
पुरस्कार और सम्मान
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू सर्वश्रेष्ठ विधायक के तौर पर 2007 में नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। विधायक के तौर पर उनका कार्यकाल बहुत ही अच्छा रहा। इसलिए इनको उड़ीसा के राजनीतिक में काफी सम्मान मिला।
द्रौपदी मुर्मू की जीवन उपलब्धियां।
द्रौपदी मुर्मू अपने जीवन में काफी सारी उपलब्धियां हासिल की है राजनीति के क्षेत्र में एक महिला के रूप में इन्होंने काफी सारी उपलब्धियां हासिल की है जो निम्नलिखित है-
1. | द्रौपदी मुर्मू को भारत की पहली आदिवासी राज्यपाल हैं। |
2. | द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनी हैं। |
3. | 2000 से 2009 तक उड़ीसा के रायरंगपुर से इन्होंने विधायक का निर्वाचन जीता है। |
4. | इसके अलावा द्रोपदी जी 2002 से 2004 तक उड़ीसा में पशुपालन और मत्स्य डिपार्टमेंट की मंत्री रह चुकी हैं । |
5. | उन्होंने 2009 तक उड़ीसा में भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति के मोर्चे को संभाला है। |
6. | इसके बाद इन्होंने 2015 से 2021 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया है। |
7. | राष्ट्रपति चुनाव 2022 में द्रौपदी मुर्मू 15 वें महामहिम (राष्ट्रपति) के रूप में चुनी गई। |
द्रौपदी मुर्मू की संपत्ति
अगर इनकी संपत्ति के बारे में बात करें तो 2014 हलफनामा के अनुसार इनके पास 2 करोड़ से अधिक संपत्ति है।
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