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आज हम सब इस आर्टिक्ल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जीवन के बारे में जानने वाले हैं । इस आर्टिक्ल अटल बिहारी वाजपेयी जी के बारे में हर एक जानकारी दी गई हैं उनके जीवनी से लेकर अनमोल वचन तक । उन्होने जीतने कविताए लिखी, उसके बारे में भी जानकारी दी गई हैं । अटल जी द्वारा लिखे गए कुछ कविताए को भी इस आर्टिक्ल में शामिल किया गया हैं । तो इस आर्टिक्ल को एक बार जरूर पढ़े ।
![अटल बिहारी वाजपेयी जीवन परिचय । Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi [Atal Bihari Vajpayee Biography, Poem, Quotes] 1 knowledge folk अटल बिहारी वाजपेयी जीवन परिचय । Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi [Atal Bihari Vajpayee Biography, Poem, Quotes]](https://knowledgefolk.in/wp-content/uploads/2022/08/%E0%A4%85%E0%A4%9F%E0%A4%B2-%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A4%AF%E0%A5%80-%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%A8-%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%9A%E0%A4%AF-%E0%A5%A4-Atal-Bihari-Vajpayee-Biography-in-Hindi-Atal-Bihari-Vajpayee-Biography-Poem-Quotes-1024x576.webp)
अटल बिहारी वाजपेयी जीवन परिचय [ Atal Bihari Vajpayee Biography ]
नाम (Name) | अटल बिहारी वाजपेयी |
जन्मदिन (Birthday) | 25 दिसम्बर 1924 |
जन्म स्थान (Birth Place) | ग्वालियर, मध्यप्रदेश |
माता का नाम (Mother’s Name) | कृष्ण देवी |
पिता का नाम (Father’s Name) | कृष्ण बिहारी वाजपेयी |
राजनीतिक पार्टी (Political Party) | BJP (भारतीय जनता पार्टी ) |
वैवाहिक स्थिति (Marital status) | अविवाहित |
अवार्ड (Award) | पद्म विभूषण – 1992 लोकमान्य तिलक अवार्ड – 1994 बेस्ट सांसद अवार्ड – 1994 पंडित गोविंद वल्लभ पंत अवार्ड – 1994 भारत रत्न – 2014 |
धर्म (Religion) | सनातन (हिन्दू) |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
मृत्यु (Death) | 16 अगस्त 2018 |
मृत्यु स्थल ( Place of Death) | ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस , नई दिल्ली |
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म कब और कहाँ हुआ था [ Atal Bihari Vajpayee Birthday]
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर, मध्यप्रदेश में हुआ था । इनके माता का नाम कृष्ण देवी तथा इनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेयी था ।
अटल बिहारी वाजपेयी की शिक्षा [ Atal Bihari Vajpayee Education]
अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा सरस्वती शिक्षा मंदिर से प्राप्त की । इसके बाद आगे की पढ़ाई लक्ष्मीबाई कॉलेज से प्राप्त की । अर्थशास्त्र में उन्होने DAV कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की । आगे चलकर अपने छात्र जीवन में 1939 में स्वयंसेवक की भूमिका भी निभाई । अटल जी हिन्दी न्यूज़ पेपर में संपादक का भी काम कर चुके थे ।
अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक जीवन [Atal Bihari Vajpayee Political Career]
सन 1942 में अटल बिहारी वाजपेयी अपने राजनीतिक जीवन का शुरुआत किया था । उस समय देश भर में भारत छोड़ो आंदोलन जोड़ो पर था । और इस आंदोलन में भाग लिए अटल जी के भाई को अँग्रेजी पुलिस ने गिरफ़्दार कर लिया । इनके भाई को 23 दिन तक जेल में रखा गया था । 23 दिनों के बाद उन्हे जेल से छोड़ दिया गया । उसी समय अटल जी कि मुलाक़ात श्याम प्रसाद मुखर्जी से हुई और उनके निवेदन करने पर अटल जी ने भारतीय जनसंघ पार्टी को जॉइन कर लिया ।
सन 1952 में जनसंघ पार्टी द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी को उम्मीदवार के रूप में चुन लिया गया । एक उम्मीदवार के दौर पर उत्तरप्रदेश के बलराम पुर सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकिट दिया गया । लोकसभ का चुनाव अटल ने उत्तरप्रदेश के बलराम पुर सीट से लड़ा लेकिन पहली बार में असफल रहे । अटल जी दूसरी 1957 में लोकसभा चुनाव लड़े और जीत गए । इसके बाद इनके तरक्की को देखते हुये इन्हे पार्टी का अध्यक्ष बना दिया गया । अटल जी 1977 से 1979 तक मोरारजी देसाई के सरकार में विदेश मंत्री का कार्यभार संभाला था । और विदेश के धरती पर भारत के छवि को बनाया ।
इसके बाद 1980 में अटल जी जनता पार्टी से असंतुष्ट हो कर पार्टी को छोड़ दी । और भारतीय जनता पार्टी के स्थापना करने में मदद की । 6 अप्रैल 1980 में बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष का पद अटल बिहारी वाजपेयी को सौप दिया गया । दो बार लोकसभा चुनाव के लिए भी निवार्चित हुए । लोकतंत्र के सजग प्रहरी अटल जी ने 1996 में प्रधानमंत्री के रूप में देश को संभाला । फिर से अटल जी 19 अप्रैल 1998 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली । और अटल जी के नेतृत्व में 13 दलों का गठबंधन सरकार ने पाँच वर्षो में देश को प्रगति के शिखर पर पहुँचा दिया ।
भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न देश घोषित करना ।
अटल जी ने 1998 में 11 से 13 मई को राजस्थान के पोखरण में पाँच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके भारत को भारत को परमाणु सम्पन्न राष्ट्र घोषित कर दिया गया । इस कदम से अटल जी ने विश्व भर में खलबली मचा दी । भारत को निर्विवादित रूप से भारत को विश्व स्तर पर एक सुदृढ़ वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया । यह सब इतनी गोपनियता से किया गया कि अतिविकासित जासूसी करने वाली उपग्रह (सेटेलाइट) और तकनीकी से सम्पन्न पश्चमी देशों को इसकी भनक तक नही लगी ।
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इसके बाद पश्चमी देशों द्वारा भारत पर एक के एक प्रतिबंध लगाए जाने लगे । लेकिन इन सभी प्रतिबंधों का सामना करते हुए आर्थिक विकास के उंचाइयों को छुआ । और दुनिया को अटल जी ने दिखा दिया कि ये तो अभी नए भारत कि शुरुआत हैं, ये अब पहले वाला भारत नही रह गया हैं । ये सब इसलिए संभव हो पाया क्योकि अटल बिहारी वाजपेयी और एपीजे अब्दुल कलाम जैसे नेता एवं वैज्ञानिक एक ही समय पर इस देश में मौजूद थे। ये वही लोग हैं जिन्होंने भारत को एक परमाणु सम्पन्न देश बनाया ।
पाकिस्तान से संबंधो में सुधार कि पहल
अटल जी ने भारत और पाकिस्तान के रिश्ते को सुधार करने के लिए 19 फरवरी 1999 को सदा -ए -सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू कारवाई । इस बस सेवा का उद्घाटन करते हुए प्रथम यात्री के रूप में दिल्ली से लाहौर(पाकिस्तान) तक अटल जी बस यात्रा करते हुए गए । एक शांति दूत के रूप में अटल जी दिल्ली से बस यात्रा करते हुए लाहौर पहुंचे और नवाज़ शरीफ से मुलाक़ात की । पाकिस्तान ये वादा किया कि अब हम शांति से रहेंगे, अब हामरे बीच कभी भी युद्ध नही होगा ।
लेकिन पाकिस्तान तो कुत्ते का पूछ हैं उस के पूछ पर कितना भी तेल लगा दो ओ टेढ़ा का टेढ़ा ही रहेगा । भारत पाकिस्तान के इस शांति समझौते के ठीक 2 महीने 14 दिन बाद यानि कि 3 मई 1999 को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने भयानक युद्ध छेड़ दिया जिस युद्ध का नाम दिया गया कारगिल युद्ध । यह युद्ध इतना भयानक था इसके बारे सुनकर या पढ़कर रूह काँप जाता हैं । यह कारगिल युद्ध 3 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक चला था ।
कारगिल युद्ध कब हुआ था [Kargil War]
अटल जी एक शांति दूत की तरह पाकिस्तान से शांति समझौता करके वापस लौटे । उनके वापस लौटने के 2 महीने 14 दिन बाद ही पाकिस्तान की सेना और आतंकवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच बना नियंत्रण रेखा पार करके भारत के कुछ जमीन पार कब्जा कर ली । पाकिस्तान ने दावा किया कि नियंत्रण रेखा पार करके भारत के कुछ जमीन पर कब्जा करने वाले पाकिस्तानी नही हैं ओ कश्मीरी उग्रवादी हैं ।
लेकिन युद्ध में बरामत हुए हथियार, दास्तावेज़ और पाकिस्तानी नेताओ के बयानों से यह साबित हो गया कि पाकिस्तान के सेना आतंकवादी के भेष – भूषा बनाकर युद्ध लड़ रही थी । 5 हजार से अधिक आतंकवादी इस युद्ध में शामिल थे । भारतीय थल सेना और वायु सेना ने पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा कब्जा किए गए जमीन पर हमला किया । और सभी आतंकवादियों को वही ढेर कर दिया । कुछ आतंकवादियों भारतीय सेना से अपनी जान बचाकर वापस पाकिस्तान भाग गए ।
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पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों पर्वत के ऊंचे शिखर से अंधाधुन गोली बारी कर रहे थे । भारतीय सेना को नीचे ऊपर बैठे आतंकवादियों को मारना काफी कठिन था, क्योकि पाकिस्तानी सेना और अंतंकवादी 18 हजार फीट ऊपर से भारतीय सेना पर गोली चला रहे थे और भारतीय सेना 18 हजार फीट नीचे से लड़ रही थी । ऐसे में बहुत सारे भारतीय सैनिक वीगति(शहीद) को प्राप्त हुए । लेकिन भारतीय सेना ने किसी भी तरह ऊपर से हो रहे फारिंग से बचते हुए 18 हजार फीट ऊंचे पर्वत के शिखर पर चढ़ गई एवं पाकिस्तानी सेना को मार गिराया, और कब्जे वाले जमीन को आज़ाद करा दिया ।
26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय प्राप्त की । इसी दिन यानी 26 जुलाई को हर साल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता हैं । यह युद्ध लगातार 2 महीने तक चला था । कारगिल युद्ध भारतीय सेना के शक्ति और साहस का ऐसा उदाहरण हैं वर्षो तक भारतीय याद रख कर गौरवान्वित महसूस करेंगे ।
18 हजार फीट के ऊंचाई पर लगातार 2 महीने से अधिक समय तक युद्ध लड़ना, ऐसे कारनामा केवल भारतीय सैनिक ही कर सकते हैं । इस युद्ध में 527 से अधिक भारतीय सैनिक अपने मात्र भूमि के लिए वीरगति को प्राप्त हुए, वही 1300 से अधिक सैनिक घायल हुए । इस युद्ध में 2700 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 250 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक जान बचाकर युद्ध से भाग गए थे । यह युद्ध अटल बिहारी वाजपेयी के शासन कल में हुआ था ।
अटल बिहारी वाजपेयी एक कवि के रूप में ।
जैसा कि आप सभी जानते हैं अटल बिहारी वाजपेयी एक महान राजनीतिज्ञ होने के साथ – साथ एक कवि भी थे । उनके कई सारे काव्य संग्रह काफी प्रसिद्ध हुए हैं जैसे मेरी इक्यावन कविताए काफी प्रसिद्ध हैं । अटल जी ब्रजभाषा और खड़ी बोली में काव्य रचना किया करते थे । आपको बता दे कि अटल जी के पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर रियासत के जाने माने कवि थे । अटल जी द्वारा रचित कुछ कविताएं मैं नीचे दे रहा हूँ, मुझे उम्मीद हैं इसे पढ़कर आपको आनंद आ जाएगा ।
पंद्रह अगस्त की पुकार
पंद्रह अगस्त का दिन कहता:
आजादी अभी अधूरी हैं ।
सपने सच होने बाकी हैं,
रावी के शपथ न पूरी हैं ॥
जिनकी लाशों पर पग धरकर
आज़ादी भारत में आई,
वें अब तक हैं ख़ानाबदोश
गम की काली बदली छाई हैं ॥
कलकते के फुटपाथों पर
जो आंधी-पानी सहते हैं,
उनसे पुछों पंद्रह अगस्त के
बारे में क्या कहते हैं ॥
हिन्दू के नाते उनका दुख
सुनते यदि तुम्हें लाज़ आती,
तो सीमा के उस पार चलो
सभ्यता जंहा कुचली जाती ॥
इंसान जंहा बेचा जाता,
इमाना खरीदा जाता हैं।
इस्लाम सिसकियाँ भरता हैं,
डॉलर मन में मुस्कुराता हैं ।
भूखों को गोली नंगों को
हथियार से सजाये जाते हैं।
सूखे कंठों से जेहादी,
नारे लगवाए जाते हैं ॥
लाहौर, कारांची, ढाका पर
मातम की हैं काली छाया।
पख्तूनों पर, गिलगित पर हैं,
गमगीन गुलामी का साया ॥
बस इसीलिए तो कहता हूँ
आज़ादी अभी अधूरी हैं।
कैसे उल्लास मनाऊँ मैं?
थोड़े दिन के मजबूरी हैं॥
दिन दूर नहीं खंडित भारत को
पुनः अखंड बनाएँगे ।
गिलगित से गारो पर्वत तक,
आज़ादी पर्व मनाएंगे ॥
उस स्वर्ण दिवस के लिए आज से
कमर कसे बलिदान करें।
जो पाया उसमे खो न जाए,
जो खोया उसका ध्यान करे ॥
गीत नया गाता हूँ
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टूटे हुए तारों से फूटे वासंती स्वर
पत्थर के छाती में उग आया अंकुर
झरे सब पिले पात
कोयल की कुहुक रात
प्राची में अरुणिमा की रेखा पता हूँ
गीत नया जाता हूँ।
टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी
अंतर की चोर व्यथा पलकों पर ठिठकी
हार नहीं मानूँगा, रार नहीं ठानूँगा
काल के कपाल से लिखता मिटाता हूँ
गीत नया गाता हूँ।
कौरव कौन पांडव कौन
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कौरव कौन
कौन पांडव
टेढ़ा सवाल हैं।
दोनों ओर सकुनी
का फिला कुटजाल हैं।
धर्मराज ने छोड़ी नहीं
जुए की लत हैं।
हर पंचायत में पांचाली
अपमानित हैं।
बिना कृष्ण आज
महाभारत होना हैं।
कोई राजा बने
रंक को तो रोना हैं।
Atal Bihari Vajpayee quotes in Hindi
छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता ।
अटल बिहारी वाजपेयी
राष्ट्र में सच्ची एकता तब पैदा होगी, जब भारतीय भाषाए अपना स्थान ग्रहण करेगी ।
अटल बिहारी वाजपेयी
होने , न होने का क्रम , इसी तरह चलता रहेगा। हम हैं , हम रहेंगे , ये भ्रम भी सदा पलता रहेगा ।
अटल बिहारी वाजपेयी
आप मित्र बदल सकते हैं , परोसी नहीं ।
अटल बिहारी वाजपेयी
भारत एक प्राचीन राष्ट्र हैं , अगस्त महीने में किसी नए राष्ट्र का जन्म नहीं बल्कि इस प्राचीन राष्ट्र को स्वतंत्रता मिली थी ।
अटल बिहारी वाजपेयी
इतिहास में हुई भूल के लिए आज किसी के पास बदला लेने का समय नहीं हैं , लेकिन उस भूल को ठीक करने का सवाल जरूर हैं ।
अटल बिहारी वाजपेयी
निरक्षरता और निर्धनता का बड़ा गहरा संबंध हैं ।
अटल बिहारी वाजपेयी
शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए । ऊंची से ऊंची शिक्षा मातृभाषा के माध्यम से दी जानी चाहिए ।
अटल बिहारी वाजपेयी
मैं चाहता हूँ कि भारत एक महान राष्ट्र बने , शक्तिशाली बने , विश्व के राष्ट्रो में प्रथम पंक्ति पर आए ।
अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी की शिक्षा [ Atal Bihari Vajpayee Education]
अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा सरस्वती शिक्षा मंदिर से प्राप्त की । इसके बाद आगे की पढ़ाई लक्ष्मीबाई कॉलेज से प्राप्त की । अर्थशास्त्र में उन्होने DAV कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की । आगे चलकर अपने छात्र जीवन में 1939 में स्वयंसेवक की भूमिका भी निभाई । अटल जी हिन्दी न्यूज़ पेपर में संपादक का भी काम कर चुके थे ।
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर, मध्यप्रदेश में हुआ था । इनके माता का नाम कृष्ण देवी तथा इनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेयी था ।
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