Happy Holi। Holi kyo Manaya Jata Hai। Holi Ke Chemical Bhare Rang se bache. Corona Me Holi Kaise Manaye? Deshi Rang Se Holi Khele

 सबसे पहले knowledge folk के तरफ़ से होली की ढेर सारी शुभकामाएं। देश अभी कोरोना नामक संकट से जूझ रहा हैं और इस सकंट के घड़ी में इस साल होली खेलते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता हैं क्योंकि यह संक्रमण एक दूसरे को छूने अथवा छीकने से बढ़ता हैं। अगर हम सब सुरक्षित रहे तो आजीवन होली खेलते रहेंगे।

 

 

 

 

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इस साल होली 28 और 29 तारीख़ को खेला जायेगा। जैसे – जैसे होली करीब आने लगता हैं सभी स्कूल,कॉलेज, कार्यालय बंद होने लगते है और सभी अपने अपने घर के तरफ़ लौटने लगते हैं। इस त्यौहार को मानाने से एक दूसरे के प्रति प्यार पढ़ता हैं। यह त्यौहार खुशियों का त्यौहार हैं। इस दिन लोग एक दूसरे को रंग लगते है इसी लिए इसे रंगो का त्यौहार भी कहा जाता है। 

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हमारे देश बहुत सारे त्यौहार मनाये जाते हैं और इन सभी त्योहारों के कोई न कोई सच्ची और पौराणिक कथा होता ही है। ठीक इसी प्रकार होली मानाने के पीछे भी एक पौराणिक कथा है कि आखिर होली क्यों मनाया जाता हैं। आखिर इसके पीछे क्या कारण हैं। 

Holi kyo Manaya Jata Hai?

होली क्यों मनाया जाता हैं ? इसके पीछे अनेकों पौराणिक कथाएं है लेकिन उन कथाओ में से एक कथा ऐसी है जो काफी प्रचलित है और वह कथा है विष्णुपुराण की। विष्णुपुराण में लिखा हुआ है कि प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम एक बहुत ही शक्तिशाली क्रूर राजा हुआ करता था। जो भगवान विष्णु को अपना सबसे बड़ा दुशमन मानता था। इसके राज्य में जो भगवान विष्णु की पूजा करता उसे हिरण्यकश्यप मार देता था। लेकिन संयोग से इसके घर में पुत्र का जन्म होता है और उस नाम रखा जाता है प्रह्लाद। 
 
प्रह्लाद भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त होता है। फिर प्रह्लाद के प्राण के पीछे इसका पिता हिरण्यकश्यप खुद पड़ जाता है। हिरण्यकश्यप बहुत कोशिश करता है कि किसी भी तरह प्रह्लाद को मार दे। क्योंकि प्रह्लाद  भगवन विष्णु का बहुत बड़ा भग्त होता है  और  हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु का अपना शत्रु मनाता था इसीलिए प्रह्लाद को मारने की बहुत कोशिश की लेकिन वह हर बार असफ़ल रहा हैं।
 
 फिर हिरण्यकश्यप अपनी बहन होलिका को आदेश दिया कि तुम इसे अग्नि कुंड में जला कर राख कर दो। (होलिका को ब्रह्मा जी ने वरदान दिया था क़ि आग तुम्हें कभी भी नहीं जला सकती ) इसी वरदान  के घमंड में चूर होलिका अपने भतीजे को गोद में लेकर अग्नि कुंड में प्रवेश कर जाती है।
 
 लेकिन इसका वरदान इस वक्त काम नहीं करता है होलिका खुद अग्नि में जलकर राख हो जाती है और प्रह्लाद को कुछ भी नहीं होता है। यही कारण है कि होली से के दिन पहले होलिका दहन किया जाता है और उसके बाद रंगो का त्यौहार होली बड़े धूम धाम से मनाया जाता है।

Holi Ke Chemical Bhare Rang se bache. 

रंग को कैसे छुड़ाए ?

  • आज कल के होली में केमिकल भरे रंग का बहुत ज्यादा इस्तेमाल बड़े में मात्रा होने लाग गया हैं। ऐसे रंग से हमें हमेशा बचाना चाहिए क्योंकि ऐसे रंग हमारे त्वचा के लिए बहुत हानिकारक होते है। खास कर जो सस्ते में मिलने वाला चाइनीज रंग होता हैं उसका तो बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। लेकिन मार्केट में मिलने वाले केमिकल भरे रंग आपको किसी ने लगा दिया या आप ही किसी और को लगा दिए तो जितना जल्दी हो सके इस रंग को साफ कर लेना चाहिए। ऐसे रंग को ज्याद देर तक अपने त्वचा पर लगा न रहने दे। कपड़ो और सिर से जितना सूखा रंग झार कर निकाल सकते हैं, निकल दे। 
  • अपने त्वचा से रंग को साफ करने के लिए मिट्टी का तेल और केमिकल डिटर्जेंट या फिर कपड़े धोने वाले साबुन का बिलकुल भी इस्तेमाल न करे। 
  • बालो से रंग निकलने के लिए पहले बालो में जो सूखे रंग फसे हुये है उन्हें अच्छे से झार कर निकल ले। फिर बालों को सादे पानी से अच्छे से धोए। बेसन , दही, आंवले से भी सिर धो सकते हैं।

 

Corona Me Holi Kaise Manaye?

जैसा कि आप सभी जानते है कि अपने देश में कोरोना का प्रकोप फिर से बढ़ने लगा हैं। कई राज्यों में तो लॉक डाउन लग गए हैं। ऐसे में सबके मन में यही सवाल पैदा हो रहा हैं कि होली खेलना कितना सुरक्षित रहेगा? तो चलिए जान लेते है कि कोरोना काल में सुरक्षित रूप से होली कैसे खेले ?
  1. होली खेलने के लिए ज्यादा लोगों के ग्रुप में शामिल न हो। 
  2. होली छोटे – छोटे गुट बनाकर ही खेले। 
  3. गले मिलाना या हाथ मिलाने से दूर ही रहे तो सही हैं। 
  4. होली खेलते समय पूरी तरह से साफ सफ़ाई रखे। 
  5. बीमार लोगो से दुरी बनाये रखे। 
  6. 60% से 90% अल्कोहल मात्रा वाले हैंड सेनिटाइजर का उपयोग करके कम से कम 20 सेकण्ड्स तक साबुन पानी से हाथ को धोये। 
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Desi Rang Se Holi Khele 

आजकल हमारे बीच इतने सारे केमिकल भरे रंग आ गए हैं कि पता ही नहीं चलता की कौन सा रंग अच्छा हैं और कौन सा रंग ख़राब है। इसीलिए आप अपने घर पर खुद से रंग बनाकर होली खेले सकते है। रंग कैसे बनते है चलिए जान लेते हैं। 
  1. पीला रंग : पीला रंग के लिए आप हल्दी पाउडर या फिर बेसन का इस्तेमाल कर सकते हैं जो पूरी तरह से प्राकृतिक हैं। 
  2. लाल रंग : लाला रंग के लिए चुंकदर के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रहे मिर्ची पाउडर का इस्तेमाल बिलकुल भी न करे। 
  3. हरा रंग : तुलसी के पते को पीस कर हरा रंग बना सकते हैं। लेकिन अफ़सोस हैं कि वर्तामान समय में वर्तमान समय में बहुत कम लोगों के पास तुलसी का पौधा हैं। 
  4. उजला रंग : उजला रंग के लिए आप गेहू के आटे का इस्तेमाल कर सकते हैं, या फिर आप दूध या दही का इस्तेमाल करे।  

इस तरह से आप देशी रंग से होली खेल सकते हैं जितने भी रंग बनाने का प्राकृतिक तरिके बताया उन में  किसी भी रंग का कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं। बल्कि ऐसे रंग लगाने से हमारे शरीर को बहुत फायदा होता हैं।  तो याद रहे हमेशा देशी रंग का ही इस्तेमाल करे। और लोगो को भी ये बताये कि वे भी हमेशा देशी रंग का ही इस्तेमाल करे। 

 

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